Editorial : हिमाचल में पुरानी पेंशन योजना बहाल, उम्मीदें ला रही रंग
- By Habib --
- Saturday, 14 Jan, 2023
Old pension scheme restored in Himachal
Old pension scheme restored in Himachal: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने जनता से कई वादे किए हैं, जिनमें से एक पुरानी पेंशन योजना यानी ओपीएस को बहाल करने का था। अब मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू Chief Minister Sukhwinder Sukhu ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में इस वादे को पूरा करके प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को खुश कर दिया है। इससे प्रदेश वासियों की अन्य उम्मीदों के भी परवान चढऩे की संभावना है। बेशक, पुरानी पेंशन योजना बंद होना कर्मचारियों के लिए बड़ा झटका था, क्योंकि एकमात्र यही वह पूंजी है, जोकि सेवानिवृति के बाद काम आती है। सुनिश्चित आय का जरिया ओपीएस बंद होना होना कर्मचारियों को परेशान किए हुए है।
पंजाब की आम आदमी पार्टी Aam Aadmi Party of Punjab सरकार भी ओपीएस बहाल कर चुकी है, वहीं अब हिमाचल प्रदेश Himachal Pradesh में भी इसकी बहाली से जहां कर्मचारियों का केंद्र सरकार की इस योजना के खिलाफ आंदोलन मजबूत हो रहा है, वहीं कांग्रेस को ऐसी योजनाओं को लागू करके चुनाव में अपनी जीत की राह भी आसान नजर आने लगी है। कांग्रेस की राजस्थान और छत्तीसगढ़ सरकारें भी इसे बहाल कर चुकी हैं।
हिमाचल प्रदेश Himachal Pradesh में पूर्व भाजपा सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को लागू किया था। उसी समय से कांग्रेस ने इसे मुद्दा बना लिया था और चुनाव के समय यह कांग्रेस के एजेंडे में सर्वोपरि था। अब राष्ट्रीय पेंशन योजना के 1.36 लाख कर्मचारियों व अधिकारियों को इसका लाभ मिलेगा। गौरतलब यह है कि कांग्रेस सरकार ने अपने अन्य वादों यानी महिलाओं को 1500 रुपये मासिक पेंशन Rs 1500 monthly pension और युवाओं को एक लाख नौकरी देने की दिशा में भी काम शुरू किया है। इसके लिए मंत्रिमंडलीय उप समितियां गठित की गई हैं। चुनाव के दौरान कांग्रेस की ओर से अपने प्रतिज्ञा पत्र में 10 गारंटी दी गई थी।
पार्टी की ओर से कहा गया था कि सरकार के बनने के बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक में तीन गारंटियों को पूरा किया जाएगा। उनमें से अब एक गारंटी को पूरा कर दिया गया है, वहीं दो पर काम शुरू हो गया है। सुक्खू सरकार sukhu government के समक्ष राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने की चुनौती भी है, क्योंकि बहाल की गई पुरानी पेंशन योजना से राज्य के खजाने पर असर पडऩा लाजमी है। अब सरकार महिलाओं को 1500 रुपये पेंशन देने और एक लाख नई नौकरियां देने पर भी काम कर रही है। ऐसे में इनके लिए पैसा कहां से आएगा। पिछले कुछ समय के दौरान राजनीतिक दल चुनाव में लुभावने वादे करके सत्ता में आ रहे हैं, लेकिन भविष्य में प्रोजेक्ट पर खर्च करने के बजाय ज्यादातर पैसा लुभावनी योजनाओं की पूर्ति में ही लग जाता है।
हालांकि राज्य सरकार ने इसका इलाज डीजल पर 3 रुपये वैट बढ़ा कर करने की योजना बनाई है। यानी 3 रुपये महंगे डीजल से जो कमाई होगी उससे एनपीएस कर्मचारियों को पेंशन दी जाएगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू Chief Minister Sukhwinder Sukhu का कहना है कि पिछली सरकार ने चुनाव में फायदे के लिए वैट को 7 रुपये कम कर दिया था, इससे राज्य की वित्तीय स्थिति खराब हो गई। अब सरकार ने वैट पर 3 रुपये का इजाफा करके उस खामी को दुरुस्त किया है। हिमाचल प्रदेश में कर्मचारी सरकार बनाने और गिराने की स्थिति में रहते हैं।
ऐसे में पुरानी पेंशन योजना को लागू करने का नुकसान जहां भाजपा को झेलना पड़ा वहीं इस योजना को बहाल करके कांग्रेस अब अपनी भावी राह तैयार कर रही है। अगले वर्ष लोकसभा चुनाव भी प्रस्तावित हैं, ऐसे में पुरानी पेंशन योजना अब कांग्रेस के लिए हथियार बन चुकी है। यही वजह है कि हिमाचल सरकार Government of Himachal ने अब विभागों, बोर्ड और निगमों में भी ओपीएस लागू करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा सरकार छठे वेतन आयोग का 9 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का एरियर भी देने जा रही है, जिसे पिछली सरकार के समय नहीं दिया गया था। वहीं डीए का एक हजार करोड़ भी देना है। इस तरह से करीब 11 हजार करोड़ रुपये की देनदारी सरकार पर है।
वास्तव में दीर्घकालिक सोच के साथ योजनाओं को लागू करना जरूरी है। प्रत्येक सरकार को चाहे वह प्रदेश की सत्ता में हो या फिर केंद्र की, उसकी सोच ठोस विकास सुनिश्चित करने की होनी चाहिए। अगर नई आय सर्जित नहीं होगी तो पैसा यहां-वहां से कटौती करके नई योजनाओं पर खर्च spending on new projects करना पड़ेगा। देश और राज्यों में निजी क्षेत्र के कर्मचारी भी हैं जोकि किसी न किसी राजनीतिक दल को वोट देते हैं, लेकिन उनके भले के लिए कौन सी योजना बनती है। होना तो यह चाहिए कि सभी का समान विकास सुनिश्चित हो। सुक्खू सरकार से प्रदेश के सभी वर्ग के लोगों को बड़ी उम्मीद है, उद्योग, पर्यटन, शिक्षा, चिकित्सा और तमाम क्षेत्रों को आगे बढ़ाए जाने की भी आवश्यकता है।
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